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Sunday, June 15, 2008

दो मौत हजार पेंच


आरुषि- हेमराज का कत्ल....अब ये बताने की जरूरत नहीं रह गई है कि ये दोनो कौन थे.....कहां के थे....और क्या हुआ कि हम इसकी चर्चा कर रहे हैं.....इन दोनो के हत्यारे पता नहीं कौन है.....
पिछले महीने भर से ये मर्डर टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज है.....अखबार का एंकर....अखबार औऱ टीवी में आरुषि हेमराज मर्डर को बीट मानते हुए इस पर अपने काबिल रिपोर्टर्स को तैनात कर दिया है....
नोएडा पुलिस एक तरफ...सीबीआई तक को अता पता नहीं लग रहा...रोज सुबह टीवी खोलिये...तो टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज चिपका मिलेगा.....और मन ये मान लेता है कि आरुषि- हेमराज मर्डर केस सुलझ गया होगा....लेकिन नहीं....नुपूर तलवार का लाईडिडैक्टर....कृष्णा है कातिल ? तलवार दंपत्ति चुप क्यों ?
हर पल सीबीआई के दावे...और हर पल गहराती मौत की मिस्ट्री.....पहले शक के घेरे में पिता...फिर....कृष्णा....और अब राजकुमार....
इस मर्डर केस में सबसे पेचिदा ये कि न तो नोएडा पुलिस को और न ही सीबीआई को नार्मली तलवार फैमिली की तरफ से कभी ये बताने की कोशिश की है कि आखिर इस मर्डर में उनके हिसाब से कौन लोग शामिल हो सकते हैं...
देश -दुनिया की इनवेस्टिगेटिंग टीम जिन बिंदुओं को लेकर तहकीकात के लिए आगे बढेगी वो बिंदू तलवार परिवार की तरफ से मुहैया कराने में कोताही क्यों बरती जा रही है ये समझ से परे है... क्या तलवार दंपत्ति नहीं चाहती है कि उसकी बेटी के हत्यारे को सज़ा मिले.....ये अपने आप में मस्ट्रियस है.....दो मौत और हजार पेंच है....

3 comments:

अजय कुमार झा said...

archana jee,
shubh sneh. sahee kaha aapne magar mujhe sabse jyaadaa dukhee to is baat ne kiya ki ek bachchee kee maut par uskee maan bhee chuppee lagaa gayee.

अर्चना राजहंस मधुकर said...

यही बात तो मामले को पेचिदा बना रही है सर....मां-बाप से हमदर्दी है.....लेकिन ये चुप्पी संदेह को बढ़ाती है....

Anonymous said...

thik kaha aapne... lekin uske maa baap se ko to ye mauka hi nahi diya gaya. or jab khud unhe hi aaropi bana diya gaya to khud ko bachane me hi puri energy lagaye baithe hain.... ab unki baat bhi kaun sunega... lekin shak to unhi par hai... aakhir aisa kaise ho sakta hai ki beti ki hatya ho jaye or police ko bulane ki bajaye log uske antim sanskar me jut jayen...