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Tuesday, April 22, 2008

मेरा कोना


"विस्तृत नभ का कोई कोना
मेरा न कोई अपना होना
परिचय इतना, इतिहास यही
उमड़ी कल थी,मिट आज चली"

महादेवी वर्मा


महादेवी वर्मा जी ने काफी पहले "मेरा कोना" के लिए पंच लाइन लिख दिया था.......प्लीज टेक इट इजी.....

2 comments:

PD said...

महादेवी जी का लिखा मुझे बहुत पसंद है.. ये भी अच्छा लगा..

अर्चना राजहंस मधुकर said...

पीडी जी धन्यवाद...(अरे पूरा नाम बता दीजिए सर...शायद प्रोफाइल में हो...मैं देखती हूं...और गर नहीं है तो बता दें प्लीज) कुछ और कविताएं महादेवी की हों तो मेल कर दें प्लीज....archana.rajhans@voitv.in