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Sunday, March 30, 2008

शुक्रिया दोस्तों

आप सभी का शुक्रिया.......विनित उत्पल जी आपका ख़ास तौर से....और एक ग़ुजारिश भी......ज़रा धैर्य रखा करें भाई......जो शब्दों से बयां होता है वो कई बार औपचारिकता भी तो होती है......आपने हमें पढ़ा...हमारा स्वागत किया....लाज़िमी है कि हम आपका शुक्रिया अदा करें......थोड़ी देर हो गई बस......अविनाश को उनके कमेंट के लिए धन्यवाद नहीं दिया गया ,मेरे दोस्त.......मोहल्ला पर लिंक डालने के लिए धन्यवाद था.......

शैलेंद्र जी मेरा कोना कहीं नहीं जा रहा.....आप लोग इत्मिनान से इसे पढ़िये और टिप्पणी कीजिए.......देर सबेर मैं उसे देख ही लूंगी......लेकिन यूं ताबड़तोड़ मैसेज करने के चक्कर में जो आपके साथ हुआ वो मेरा कोना कतई नहीं चाहता..........दुर्घटना के शिकार न हों......आराम से टिप्पणी करें......

एक बार फिर शुक्रिया...................

अर्चना राजहंस

1 comment:

विनीत उत्पल said...

archanajee, leejiya aapka kona bhee duniya ke utpal men shamil ho gaya.