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Tuesday, March 25, 2008

तस्लीमा का कौन सा देश

तस्लीमा को आखिरकार ये देश भी छोड़ना पड़ा.... क्यों? ये बताने की जरूरत नहीं है.....सब जानते हैं कि वो किस हाल में यहां रह रही थीं.....किस परेशानी से गुजर रही थीं.....वैसे कहा जाता है कि पिछवाड़ा नहीं खंगाला जाना चाहिए......इसलिए मैं ये तो नहीं कहूंगी कि जो हुआ वो ग़लत हुआ......उसी तरह से मैं ये भी नहीं कह सकती कि उनके साथ क्या होना था जो कायदे से सही होता..........लेकिन ये जरूर कहने का मन है कि जहां वो गई हैं वहां भी अगर खुशहाल नहीं है तो हमारे लिए अच्छी ख़बर नही है....उन्होंने जो लिखा वो बांग्लादेश के लिए पचा पाना मुश्किल था लिहाजा भारत आई......एक लोकतंत्र में.....जहां हर किसी को जगह मिलती है.....अपने कहने की ,अपने करने की......लेकिन तस्लीमा को जब फाइनली भारत छोड़ना पड़ा तो लगा कि इस बात में कहने और करने वाला फर्क है......

1 comment:

Anshu Mali Rastogi said...

अगर यह लोकतंत्र होता और हम लोकतंत्रिक होते तो तसलीमा यहां से जाती ही क्यों। सभी तो खामोश हैं फिर लेखक या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के क्या मायने।