Followers

Monday, March 24, 2008

जुगाड़पंथी के बीच शिवानी

चलो एक कोना मैने भी जुगाड़ लिया है....इसके लिए मैं गूगल की तहेदिल से शुक्रगुजार हूं...
भाई ब्लॉग में जगह पाना बड़ा आसान है...डलहौजी से इन्सपायर्ड कोई भी व्यक्ति यहां एक चिठ्ठा हासिल कर सकता है...थोड़ी सी जगह हड़प कर मैं भी बड़ी खुश हूं.....हड़पने का सुख, पाने में कतई नहीं है..... .यकीनन डलहौजी की नीति कुछ मायने में लाजबाव थी.....
"मेरा कोना" के लिए जब हड़प कार्यक्रम चल रहा था तभी शिवानी भटनागर मर्डर केस में सज़ा सुनाई गई......शुक्र है नौ साल बाद ही सही आर के शर्मा को सज़ा तो सुनाई गई....लेकिन एक बात गले से उतर नहीं रही कि जो मर जाता है या जाती है उसको अपने यहां बिल्कुल ही बेकसूर मान लिया जाता है.....भाई ऐसे तो नहीं होना चाहिए न!

2 comments:

Ek ziddi dhun said...
This comment has been removed by the author.
Ek ziddi dhun said...

अरे यार, शर्मा को क्या सजा? अदालत भी उसका गुणगान कर रही है. रही बात शिवानी के कसूर की तो तिरिया चरित्तर ही हर मामले की जड़ कहा ही जाता है. पता नहीं आप किस लोकेशन से बात कर रहीं है इस मसले पर. हाँ एक बात यह हो सकती है की लड़कियों की अपने मसलों को लेकर जो ज़िम्मेदारी है, उससे से वे पलायन कर रही हैं..