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Saturday, July 19, 2008
औने पैने सब बिकेंगे...
देश में महा राजनीतिक भुखमरी चल रही है...इस दौर में हर अद्धे कद्धे सब बिकेंगे...इनके
दाम भी खूब मिलेंगे....ठीक वैसै ही जैसे भूखमरी में होता है...लोग घास की रोटियां खाने
लगते हैं....कच्ची लकड़ियों को चूसा जाने लगता है.... बड़ी चर्चित है ये कहावत कि आम खाओ गुठलियों क्या गिनते हो...
भई भुखमरी हो तो गुठलियां गिनकर क्या फांक में काटी जाने लगती है...
अपने देश के नेता भी ऐसे ही बांटे जा रहे हैं...फांक बनाए जा रहे हैं...एक पार्टी में बेशक दो या तीन सांसद हों लेकिन वो भी बंट रहे हैं....एक सरकार के साथ एक दो विपक्ष के साथ...
सच कहते हैं भूख न माने जूठी भात....
बात बात पर "वाद" का हवाला देने वाली वाम पार्टी आज उन पार्टियों की हमजोली हो गई है जिसे लेकर जाने कितनी बार सत्ता सहयोगी को उलाहने दिए होंगे....
एक दूसरे की बखिया उधेड़ने वाली,तमाम इल्जामात लगाने वाली देश की सबसे प्रतिष्ठित पार्टी के पास आज एसपी से ज्यादा भरोसे मंद कोई नहीं है....
एक दूसरे को फूटे आंख नहीं देखने वाले ये दोनो दल आजकल तारीफों के वो पुल बांध रहे हैं कि किन्नरों भी शर्मा जाए... वैसे इन हालातों में ये समझना बड़ा मुश्किल है कौन किसके लिए क्या कर रहा है....इस अंधी दौड़ में नेता गण कहां पहुंचना चाह रहे हैं ये भी कहना मुश्किल हैं....
डील तो जब होगी तब होगी...और उसके जो फायदे होंगे वो भी हम देखेंगे लेकिन फ़िलहाल देश में जो डील्स चल रही हैं उसका लुत्फ तो उठा ही लेना चाहिए... सरकार बचा लेना सरकार के लिए बेहद जरूरी है..... ये सब समझ रहे हैं....अब जनता के बीच जाने के लिए कांग्रेस के पास डील के अलावा कोई मुद्दा भी नहीं है...(ड्रीम बजट के फल को तो इनफ्लेशन के कीड़े चाट गए )
इसे पकड़े रहे तो शायद जनता अपने आंगन में कदम रखने तो दे दे....फिर रो गा लेंगे...साढ़े चार सालों में लेफ्ट ने सत्ता भोग में कितने दर्द दिए...ये बात सुनाने के लिए भी कांग्रेस को जनता के आंगन में प्रवेश चाहिए होगा...और ये प्रवेश दिलाएगी डील....एटमी डील....यूपीए( ख़ास तौर से कांग्रेस) के पास जनता के बीच शाख बनाए रखने के लिए डील शाख के अलावा कुछ दिखता भी नहीं है....महंगाई ने तो यूहीं लोगों का मन खट्टा कर रखा है....ऐसे में अगर ये सोचा जाए कि लेफ्ट से भी जनता पूछेगी...यूपीए के घटक दलों को भी जवाब देना होगा...तो भई लेफ्ट का क्या है वो तो वापस दुबक लेगी पश्चिम बंगाल में....लेकिन देश की इस सबसे बड़ी पार्टी को तो जनता दरबार में मुंह खोलना ही होगा.....
दो दिन हैं फ्लोर टेस्ट को...यूपीए बहुमत साबित कर ले तो बेहतर.....यूपीए लीडर इसका दावा भी कर रहे हैं....अरे भाई करेंगे क्यों नहीं....साढ़े चार साल की इस डूबती नैया को बीजेपी एलायंस तो किनारे लगाने से रहा.....सो अंदर खाते कुछ भी हो सकता है....वैसे भी दलगत राजनीति से उपर तो उठ ही चुके हैं नेता...
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4 comments:
सही कहा..
to archana jee kahna yahi hai ki jab 100 saal baad is desh ke vidyarthi rajneeti shastra padhenge wo kucch is tarah hoga...manmohan singh naam ka ek raja tha, uske shashan kaal main 'setting getting' aur 'deal'ka bada mahatw tha. rajya main ek se badhkar ek satta ke dalal the jo apni behtarin dalali se ek doosre ko maat dete rahte the. ek baar jab raja manmohan singh ko apne k videshi dost ko diye gaye vachan ko nibhane ki baat aayee to raja ne apni sattaa ka hi daaw par naga diya. lekin raja ke maha prasidhh dalalon ne kaha hujoor aap sirf khazana khol den. bakki sarkar bacane ki jimmedari hamari. phir jo mudra ka khula khel farrukhabadi hua, wo itihaas ban gaya. aur sala is itihaas ko ham aaj tak padhte aa rahe hain....
loktantra ke hamam me sab ......hai.....Badhai aapko nirbhik kalam ke liye
बढ़िया कहानी है....लेकिन अगर इस तरह का इतिहास होगा तो जरूर शर्मनाक होगा....
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