तुम ही कह दो अब
बात जो मेरे मन में है
फैसला हर घड़ी सुनाया नहीं जाता
दिलकश हो जो फसाना
बार बार उसे सुनाया नहीं जाता
( बहुत लंबे समय से कुछ नहीं लिख पा रही हूं...लिख रही हूं तो पोस्ट नहीं कर पा रही हूं...थोड़ी व्यस्तता है...हालांकि पोस्ट का इस बात से कोई लेना देना नहीं है फिर भी मैं ब्लॉग पर कुछ भी नहीं डाल रही हूं...लेकिन जल्द बिला वजह की व्यस्तता खत्म कर इस सिलसिले की शुरुआत करेंगे...मेरे कई मित्र मेरा कोना पर पुरानी पोस्ट देखकर दुखी हो रहे हैं...लेकिन अच्छी बात ये है कि नाराजगी में वो गुस्सा नहीं शिकायत ही दर्ज कराते हैं... )
4 comments:
pahle aap pahle aap me train na nikal jaye. narayan narayan
अरे बहुत-बहुत बधाई आपके नए प्रोजेक्ट के लिए... आपका जो नंबर हमारे पास है... वो तो काम ही नहीं करता... मिठाई कब खिला रहीं हैं आप...
सुन्दर अभिव्यक्ति।
शुभकामनाएं अर्चना जी.
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