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Thursday, July 3, 2008

क्या मायावती है देश की अगली पीएम !

आजकल देश दुनिया की राजनीति खंगाल रही हूं.....मतलब कुछ पढ़ रही हूं.... लेकिन इस बीच जाने क्यों मायावती बार बार दिमाग में आ रही हैं...मुझे लगता है कि तमाम पार्टियों में वो एक तेज़ी से उभरती हुई नेता लगती हैं.....इसलिए राजनीतिक किताबों से निकल कर मैं अचानक मायावती की किताब पर आ गई हूं.... माया के बारे में पढ़ने लगी हूं.....वैसे उनके बारे में पढ़ने की उतनी जरूरत नहीं है....सिवाय इसके कि राजनीति के पहले और राजनीति में आने के शुरुआती दिनों की ऑथेनटिक बातों को जानने के...क्योंकि माया आज के दौर की नेता हैं...ऐसी शख्सियत, जो ज़मीन से उठकर एक मुकाम हासिल कर ले.... आजकल बहन जी मुस्लिम वोट की टोह ले रही हैं....हालांकि डील के चक्कर में ये ख़बर कहीं दब गई....ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि बहू जी के सामने बहन जी का कद थोड़ा छोटा समझा जाता है....फिर बात राज्य और राष्ट्र का भी है....लेकिन इन बातों को सुनने के बाद मुझे लगने लगा है कि वो बहुत सुनियोजित तरीके से आगे बढ़ रही नेता हैं...बहन जी के बारे में चिंतन करने की जरूरत है.... बहन जी में मुझे इंदिरा जी से ज्यादा तेज़ दिखता है... आने वाले समय में महिला प्रधानमंत्री के रूप में भी एक मात्र चेहरा अगर कोई दिखता है तो बहन जी हैं.....इसकी कई वजहें हैं(मेरे हिसाब से)...बड़ी बात तो ये है कि बहन जी को बना बनाया खाना खाने को नहीं मिला है...(कांसी राम से उन्हें जो कुछ मिला वो विरासत में नहीं मिला है...सबसे बड़ी बात तो ये कि कांसी राम जैसे नेता के मन में ये बैठ जाना कि फलां महिला भविष्य की नेता हो सकती है...किसी व्यक्ति को किसी में ये बात नज़र आ जाना भी आपकी अपनी गट्स को दिखाता है... माया की कहानी कांसी राम के साथ खत्म नहीं हुईं....वो उससे आगे की यात्रा तय कर रही हैं.... ) ग्रासरूट से उठी हुई मायावती ऐसे समुदाय से हैं जहां वास्तव में समाज का चेहरा दिखता है.....इस बात की पुष्टि उनके इस बयान से हो जाती है " लोग कानून तभी हाथ में लेते हैं जब उनकी सुनी नहीं जाती...लोग रोते हैं गिड़गिड़ातें हैं और पुलिस वाले इसपर ध्यान नहीं देते...नतीजा ये होता है कि गुस्से में लोग गलत कदम उठाते हैं "...ऐसी बातें करने वाले वो लोग होते हैं जिसने अपनी नजरों से इसे ऐसी हरकतों को देखा हो जेहन से महसूस किया हो.... इस मामले में वो लालू प्रसाद से भी आगे हैं.....लालू जी का पिछला पंद्रह साल उनकी राजनीति का स्वर्णकाल तो था ही....देश की राजनीति में एक बड़ा अध्याय था जिसने ये बताया कि विजडम किसी के पास हो सकता है इसके लिए इनटलेक्चवल होना जरूरी नहीं है..... लालू प्रसाद की तूती बोलती रही क्योंकि उन्हें देश की जनता का नब्ज पता है....जिसे दो तरह से पकड़ा जाता है....एक स्पेक्यूलेशन के जरिये और दूसरा इमोशन के जरिये...लालू और माया दूसरी केटोगरी में आते हैं.......माया ने समाज की नब्ज पकड़ी है....मुझे लगता है वो पहली मुख्यमंत्री होगी जिन्होंने अपने पुलिस प्रशासन को भ्रष्ट बताया...( सब जानते हैं कि राजनीति और प्रशासन के गठजोड़ से ही सत्ता बनती है...लेकिन माया ने सार्वजनिक तौर पर पुलिस की खिंचाई करके बताया कि उन्हें जो लगता है उसे कहने में उन्हें कोई हर्ज नहीं..... )ऐसी बातें वही कर सकता है जिसके पास अच्छी रणनीति हो....और भविष्य के लिए राफ साफ नजरिया...माया को पता है उन्हें क्या करना है...कहां पहुंचना है...और कैसे पहुंचना है....और उन्हें वहां तक कौन पहुंचाएगा.... लालू प्रसाद से इतर वो इस बात का खयाल भी रखती हैं जिनका नेतृत्व वो कर रही हैं उनसे कैसे बातचीत की जा सकती है...दरअसल वो राजनीति के तमाम दांव पेंच के बाद भी सौम्यता को अपने दामन से बांध कर रखती हैं.....लालू जी थोड़ी तल्खी रखते हैं.....दलित के अलावा दूसरी जातियों का समाज पार्टी की तरफ आना और यूपी से आगे दूसरे प्रदेशों में पार्टी की जीत एक संकेत है.....भविष्य के बारे में अभी से कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन इस महिला का भविष्य दमदार है....सोनिया गांधी ने जब पीएम का पद ठुकराया था तो लगा था कि अब देश की अगली महिला प्रधानमंत्री कौन होगी.....मुझे माया में दूसरी महिला प्रधानमंत्री दिखती है.... शुक्र है, वरना हमने इस बारे में सोचना क्या इसके इर्द- गिर्द फटकते भी नहीं थे.....

3 comments:

Anonymous said...

ham aaj ke halat par comment karte hai, gareebon ko dhek kar dhukhi hote hai, lekin khud apni taraph se kucch nahin kar pate hain. main samjhata hoon ki society kee taraph hamara bhee kucchh minimum contribution hona chahiey. is disha main ek pahal ke jaani chahiey. jisase ek jarorat mand ko kucch madad mil sake.

दिनेशराय द्विवेदी said...

जो अधिक जनता को प्रिय होगा वही आगे बढ़ेगा। मायावती में ऐसी संभावनाएँ दिखाई पड़ती हैं। बशर्तें कि वे लक्ष्य हासिल होने तक बनी रहें।

Anonymous said...

आपका विश्लेषण बिल्कुल सटीक है....मायावती एक दिन जरूर प्रधानमंत्री बनेंगी...
विद्युत प्रकाश
vidyutp@gmail.com